kon hu mai kisko hai pta

sunu suni si raho pe

Wednesday, May 5, 2010

मेरे दोस्त जैसे की साहिल अक्षय रिशव रिस्हब

ता पार्क में बैठा हुआ था। तभी अचानक वहां बंता आ जाता है।

साहिल (रिस्हब se)- तुम यहां क्या कर रहे हो?

रिस्हब - बदला ले रहा हूं।

साहिल - किससे?

रिस्हब वक्त से, वक्त ने मुझे बर्बाद किया है, अब मैं वक्त बर्बाद कर रहा हूं।

मरीज- डॉक्टर साहब, मैं बहुत कमजोरी महसूस कर रही हूं, मैं मरना चाहती हूं।

डॉक्टर (मरीज से)- घबराओ नही, वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो।

दो शराबी रात को..

पहला शराबी (दूसरे से)- यार कितने बजे हैं।

दूसरे शराबी ने पत्थर उठाया और शर्मा जी के घर की खिड़की पर दे मारा।

खिड़की का कांच टूटते ही शर्मा जी चिल्लाये- नालायकों रात के 2 बजे भी तुम्हें चैन नही है।

मां- मैं तो तंग हो गई हूं तुमसे। एक के बाद एक गलतियां करते रहते हो। कब सुधरोगे?

बेटा- सुधरने के लिए क्या करना होगा मां?

मां- मम्मी-पापा और टीचर की हर बात माननी होगी।

अगले दिन जब मां कमरे में आई तो बेटे पर नजर पड़ते ही गुस्से से चिल्ला उठी।

मां (डांटते हुए)- किताब के पन्ने क्यों खा रहे हो?

बेटा (मासूमियत से)- सुधरने के लिए मां। तुम्हीं ने तो कहा था सुधरने के लिए टीचर की बात माननी होगी। मैडम ने कहा है, खाते-पीते-सोते बस किताबों में ही लगे रहो। वही तो कर रहा हूं।

पति- पता है, तुम्हें देखते ही मैंने तय कर लिया था कि शादी करूंगा तो तुम्हीं से।

पत्नी- अच्छा।

फिर खुशी से शर्माते हुए पत्नी ने कहा- मैं तुम्हें पहली ही नजर में इतनी अच्छी लगी थी।

पति- हां, क्योंकि मेरा बॉस रोज मुझे डांटता था कि मैं हमेशा घर में ही क्यों रहना चाहता हूं? ऑफिस में समय क्यों नहीं देता? इसका हल तुम्हें देखते ही मुझे सूझ गया था। मुझे पता था कि तुम घर में रहोगी तो मैं ऑफिस में ही रहना चाहूंगा।

मां- मैं तो तंग हो गई हूं तुमसे। एक के बाद एक गलतियां करते रहते हो। कब सुधरोगे?

बेटा- सुधरने के लिए क्या करना होगा मां?

मां- मम्मी-पापा और टीचर की हर बात माननी होगी।

अगले दिन जब मां कमरे में आई तो बेटे पर नजर पड़ते ही गुस्से से चिल्ला उठी।

मां (डांटते हुए)- किताब के पन्ने क्यों खा रहे हो?

बेटा (मासूमियत से)- सुधरने के लिए मां। तुम्हीं ने तो कहा था सुधरने के लिए टीचर की बात माननी होगी। मैडम ने कहा है, खाते-पीते-सोते बस किताबों में ही लगे रहो। वही तो कर रहा हूं।

अध्यापिका (चिंटू से)- तुम में कुछ कमियां है।

चिंटू अगले दिन कोट पैंट पहनकर आता है।

अध्यापिका- ये क्या है?

चिंटू- रेमण्ड, द कम्पलीट मैन..

मां- बेटा तुम अपने बाल क्यों नही कटवाते?

बेटा- क्यों मां?

मां- बेटा लोग रिश्ते के लिए तुम्हारी बहन को देखने आते हैं और पसंद तुम्हें कर जाते हैं।

अध्यापक (चिंटू से)- 3 जमा 5?

चिंटू- 8

अध्यापक- 7 जमा 3?

चिंटू- 10

अध्यापक- 8 जमा 8?

चिंटू- पता नही सर मेरे पास सिर्फ 10 ही उंगली है।

चिंटू- पापा आप प्रेस क्यों कर रहे हो।

पापा- प्रेस करने से सलवटें निकल जाती हैं।

चिंटू- फिर तो अच्छा है पापा मैं दादाजी के गाल की भी सलवटें निकाल दूंगा।














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