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Saturday, July 25, 2009

डॉक्टर

डाक्टर

डॉक्टर (मरीज से)- मुझे तुम्हारा ऑपरेशन दोबारा करना पड़ेगा।

मरीज (डॉक्टर से)- क्यूं???

डॉक्टर- मेरे रबड़ के दास्ताने तुम्हारे पेट में रह गये हैं।

मरीज- अगर ये बात है तो मुझे जाने दो, मैं तुम्हारे दास्ताने के पैसे दे दूंगा।

डॉक्टर (मरीज से)- तबीयत कैसे है अब?

मरीज (डॉक्टर से)- पहले से ज्यादा खराब है।

डॉक्टर- दवाई खा ली थी क्या?

मरीज- नही दवाई की शीशी तो भरी हुई थी।

डॉक्टर- मेरा मतलब है दवा ले ली थी?

मरीज- जी आपने दी तो मैंने ले ली थी।

डॉक्टर- बेवकूफ दवाई पी ली थी?

मरीज- नही जी दवाई तो लाल थी?

डॉक्टर- अबे गधे दवाई को पी लिया था?

मरीज- नही साहब पीलिया तो मुझे था।

डॉक्टर- अरे दवा को मुंह से लगाकर पेट में डाला था।

मरीज- नही

डॉक्टर- क्यूं

मरीज- आपने ही तो कहा था शीशी को ढक्कन लगाकर रखना।

मरीज (डॉक्टर से)- मुझे अजीब सी बीमारी हो गयी है.. जब मेरी बीवी बोलती है तो मुझे कुछ सुनाई नही देता..

डॉक्टर- ये बीमारी नही खुदा की नियामत है।

एक रोगी नींद से उठकर डॉक्टर से बोला- कमाल हो गया डॉक्टर साहब! मैंने खुदकुशी करने के लिए दसवीं मंजिल से छलांग लगा दी थी पर मैं अभी तक जिंदा हूं!

डॉक्टर साहब बोले- बेशक आप मरे नही जिंदा हैं? पर जिस आदमी पर आप गिरे थे, वह उसी वक्त मर गया था।

गरीब मरीज- डॉक्टर साहब मेरे पास पैसे नही हैं आप मेरा इलाज कर दें तो कभी आपके काम आऊंगा।

डॉक्टर- तुम काम क्या करते हो?

मरीज- जी कब्र खोदता हूं।











2 comments:

  1. अरे, मजेदार चुटकुले हैं। काफी मेहनत की है आपने चेतन - कपिला। लिखते रहें। मेरे ब्लॉग पर आएं।

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